पीजीआई चंडीगढ़ में युवक के पेट से निकाली 50 धातु की वस्तुएं
डॉक्टरों ने चार घंटे के ऑपरेशन में चाकू, कीलें और बोल्ट सहित धातु की वस्तुएं निकालीं
चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में डॉक्टरों ने सिजोफ्रेनिया से पीड़ित युवक के पेट से 50 धातु की वस्तुएं सफलतापूर्वक निकालीं। एंडोस्कोपिक तकनीक से बिना पेट काटे यह दुर्लभ ऑपरेशन किया गया, जिसमें चाकू, नट-बोल्ट और कीलें शामिल थीं।
चंडीगढ़: पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) में एक अद्भुत और दुर्लभ ऑपरेशन के तहत डॉक्टरों ने एक युवक के पेट से 50 धातु की वस्तुएं सफलतापूर्वक निकालीं। युवक ने कई महीनों में चाकू, लोहे की कीलें, कम्प्रेशन स्प्रिंग, बोल्ट और नट जैसी वस्तुएं निगल ली थीं। चार घंटे लंबे इस ऑपरेशन को पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने अंजाम दिया।
डॉ. जयंत सामंत, जिन्होंने इस ऑपरेशन का नेतृत्व किया, ने कहा, "यह केस बेहद असाधारण था। एक्स-रे जांच में पेट में भारी मात्रा में धातु की वस्तुएं पाई गईं। हमने पहले कभी इतने बड़े पैमाने पर विदेशी वस्तुएं किसी के पेट में नहीं देखी थीं।" युवक को पीजीआई के मनोचिकित्सा विभाग से रेफर किया गया था और उसे सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी थी।
एंडोस्कोपिक तकनीक के जरिए डॉक्टरों ने बिना पेट का ऑपरेशन किए सभी वस्तुएं सुरक्षित निकाल लीं। यह प्रक्रिया न केवल चुनौतीपूर्ण थी, बल्कि इन नुकीली वस्तुओं से पेट या भोजन नली को क्षति न हो, इस पर विशेष ध्यान दिया गया।
डॉ. संदीप ग्रोवर, पीजीआई के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर, ने बताया कि युवक को सिजोफ्रेनिया है, जो इस प्रकार के असामान्य व्यवहार के लिए जिम्मेदार हो सकता है। मरीज का इलाज पहले शिमला के IGMC अस्पताल में चल रहा था, जहां से उसे चंडीगढ़ रेफर किया गया।