चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर में सुरक्षा गार्ड पर पुलिस कांस्टेबल का हमला
सुरक्षा गार्ड कल्याण संघ ने एफआईआर और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की
चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर के कैरों ब्लॉक में तैनात सुरक्षा गार्ड विनोद कुमार पर कार सवार पुलिस कांस्टेबल ने हमला कर दिया। संघ ने इसकी शिकायत पुलिस को दी और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) के कैरों ब्लॉक में तैनात सुरक्षा गार्ड पर एक कार सवार पुलिस कांस्टेबल ने हमला कर दिया। यह घटना रात करीब 9:20 बजे की है, जब कांस्टेबल ने अपनी कार कैरों ब्लॉक के गेट के सामने खड़ी कर दी थी। सुरक्षा गार्ड विनोद कुमार ने जब उसे वहां से कार हटाने के लिए कहा, तो गुस्से में आकर आरोपी कांस्टेबल ने गार्ड पर हमला कर दिया।
सुरक्षा गार्ड कल्याण संघ ने इस हमले की शिकायत चंडीगढ़ पुलिस को दी और आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। संघ का कहना है कि यह हमला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के नियमों का भी उल्लंघन है।
शिकायत में कहा गया है कि इस हमले से अस्पताल का सुचारू संचालन बाधित हुआ और सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोका गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही विनोद कुमार ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया। इसके बाद, उन्हें मेडिकल जांच के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित जीएमएचएस (जनरल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल) ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति की जांच की गई।
मेडिकल रिपोर्ट और जांच के आधार पर यह सामने आया कि हमलावर कांस्टेबल ने शराब का सेवन कर रखा था और वह चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है। सुरक्षा गार्ड कल्याण संघ ने घटना की सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप दी है, जो इस अपराध की पुष्टि करती हैं।
संघ ने बीएनएस अधिनियम 2023 और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य कर्मियों, खासतौर पर अस्पतालों में तैनात सुरक्षा कर्मियों पर इस तरह के हमले न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती हैं, बल्कि इससे चिकित्सा संस्थानों की सुरक्षा पर भी गहरा असर पड़ता है।
संघ ने प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और सुरक्षा कर्मियों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाएं। इस घटना ने पीजीआईएमईआर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे सभी स्वास्थ्यकर्मियों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो रही है।