पंचकूला साइबर ठगी मामला: इंग्लैंड और पाकिस्तान से जुड़े तार, बॉर्डर के गांव से गिरफ्तार हुए दो पंजाबी युवक
रिटायर्ड ब्रिगेडियर से 4.2 करोड़ की ठगी के मामले में अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश
पंजाब के दो युवकों की गिरफ्तारी से सामने आया कि साइबर ठगी का ये मामला इंग्लैंड और पाकिस्तान के ठगों से जुड़ा हुआ है, जिसमें रिटायर्ड ब्रिगेडियर से 4.2 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
पंचकूला: साइबर ठगी के एक बड़े मामले में पंजाब के अमृतसर और तरनतारन के दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास के गांवों से हुई है। साइबर पुलिस ने बताया कि इस मामले के तार इंग्लैंड, यूके, और लंदन से जुड़े हुए हैं। गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान मनप्रीत सिंह और कैरेनल सिंह के रूप में हुई है, जो एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का हिस्सा बताए जा रहे हैं।
रिटायर्ड ब्रिगेडियर से 4.2 करोड़ की ठगी: एसएचओ साइबर थाना, मनीष कुमार के अनुसार, रिटायर्ड ब्रिगेडियर महेंद्र सिंह ने शिकायत की थी कि उन्हें एक व्हाट्सएप लिंक के जरिए ठगा गया है। ठगों ने ब्रिगेडियर को स्टॉक मार्केट में निवेश के नाम पर धोखे से अपने जाल में फंसाया। शुरुआत में उन्होंने 5 लाख रुपये निवेश किए, जिसके बाद उन्हें धीरे-धीरे विश्वास में लेकर 4 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी की गई। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उन्हें और 65 लाख रुपये जमा करने का दबाव डाला गया, जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
इंटरनेशनल नेटवर्क और गिरफ्तारियां: जांच के दौरान यह पता चला कि इस ठगी के तार इंग्लैंड और पाकिस्तान से जुड़े हैं। पकड़े गए युवकों ने खुलासा किया कि यह सारा नेटवर्क इंग्लैंड, यूके और लंदन से संचालित होता है, और वे स्थानीय बैंक खातों के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करते थे। अब तक साइबर पुलिस ने दिल्ली से तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है, जिनमें शिव कुमार, राखी, और सोनी नामक महिलाएं शामिल हैं।
आगे की कार्रवाई: साइबर पुलिस के अनुसार, इस मामले में 100 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं, जो ठगी के इस नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। पुलिस की टीमें गुजरात, सूरत, मध्य प्रदेश, मुंबई, और नेपाल में भी रेड की योजना बना रही हैं। इसके साथ ही, इंग्लैंड पुलिस से भी संपर्क किया जा रहा है ताकि इस अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह को जड़ से खत्म किया जा सके। एसएचओ मनीष कुमार ने बताया कि मामले की जांच तेजी से की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।