दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी का एक्शन प्लान: अस्पतालों में बदलाव की तैयारी
स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रांसफर-पोस्टिंग पर होंगे बड़े निर्णय
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने अपने पदभार संभालते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं को गति देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिसमें अस्पतालों के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर विचार किया जा रहा है।
नई दिल्ली। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने पदभार संभालते ही सक्रियता दिखाते हुए कई योजनाओं को रफ्तार देने का निर्णय लिया है। आज होने वाली कैबिनेट मीटिंग में स्वास्थ्य क्षेत्र की बिगड़ती स्थिति के चलते ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामलों पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने की संभावना है। खासकर, दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के अधिकारियों की स्थिति चिंताजनक है, जहां कई अधिकारी वर्षों से एक ही पद पर जमे हुए हैं।
दिल्ली सरकार के 50 से अधिक अस्पतालों में दर्जनों मेडिकल डायरेक्टर और सुपरिटेंडेंट पिछले 3-4 सालों से अपनी जगह पर बने हुए हैं। इससे न केवल अस्पतालों में दवाओं की कमी हो गई है, बल्कि मरीजों का इलाज भी प्रभावित हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, जिससे आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोक नायक, जीबी पंत और दीन दयाल जैसे बड़े अस्पतालों की स्थिति तो और भी खराब हो गई है।
सीवीसी गाइडलाइंस का उल्लंघन केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 2012 में निर्देश दिए थे कि संवेदनशील पदों पर तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर समय-समय पर किए जाएं ताकि भ्रष्टाचार की संभावना कम हो सके। लेकिन पिछले सवा साल से केजरीवाल सरकार ने इन गाइडलाइंस का पालन नहीं किया, जिसका फायदा इन अधिकारियों ने उठाया। इससे अस्पतालों की हालत और बिगड़ गई है। कई अस्पतालों में न तो दवाएं मिल रही हैं और न ही मरीजों को ठीक से इलाज मिल रहा है।
दिल्ली की प्रमुख अस्पतालों में स्थिति जैसे-जैसे नए मुख्यमंत्री का कार्यकाल शुरू हो रहा है, उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ट्रांसफर-पोस्टिंग के फैसले लिए जाएंगे। डॉक्टरों का कहना है कि सीवीसी गाइडलाइंस के तहत कोई भी अधिकारी संवेदनशील पद पर 3 साल से अधिक समय तक नहीं रह सकता। वर्तमान में कई अस्पतालों के अधिकारियों की एसीबी और सीबीआई द्वारा जांच भी चल रही है।
आतिशी के नेतृत्व में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का सभी को इंतजार है। क्या वे इन अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के माध्यम से अस्पतालों की स्थिति में सुधार ला पाएंगी? यह देखना होगा।