चीन की भारत के खिलाफ साजिश का पर्दाफाश: ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए 400 करोड़ रुपये की सेंध
ईडी ने 25 करोड़ रुपये के चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट फ्रीज किए, चार भारतीय गिरफ्तार
चीन ने भारत की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाते हुए ऑनलाइन गेमिंग ऐप Fiewin का सहारा लिया। ईडी ने 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए 25 करोड़ के क्रिप्टो एकाउंट फ्रीज किए हैं।
नई दिल्ली: चीन ने भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चीन की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया है कि चीन अब ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ आर्थिक धोखाधड़ी कर रहा है। इसी कड़ी में ईडी ने ऑनलाइन गेमिंग ऐप Fiewin से जुड़े चीनी नागरिकों के 25 करोड़ रुपये के क्रिप्टो एकाउंट फ्रीज किए हैं। यह पहली बार है जब ईडी ने ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मामलों में इतनी बड़ी कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी पता चला है कि इस गेमिंग ऐप के जरिये करीब 400 करोड़ रुपये भारत से चीन भेजे गए थे। इस सिलसिले में भारत के चार नागरिकों को भी कुछ दिनों पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि चीन मूल के नागरिकों ने इस गेमिंग ऐप के जरिए भारत में बड़ी धोखाधड़ी की, जिसमें स्थानीय नागरिकों की मदद से उन्होंने करीब 400 करोड़ रुपये की कमाई की और यह धनराशि चीन भेजी गई।
ईडी ने बताया कि चीनी नागरिक भारतीय नागरिकों की मदद से इस ऐप का संचालन कर रहे थे। जांच में पाया गया कि Fiewin ऐप के जरिए ऑनलाइन गेमर्स से धोखाधड़ी करके पैसे अलग-अलग भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में जमा किए गए थे। इन लोगों को ‘रिचार्ज करने वाले’ कहा जाता है। उन्होंने कमीशन के बदले अपने अकाउंट का इस्तेमाल ऐप मालिकों को करने दिया। इस तरह से इन खातों का प्रयोग करते हुए इस धोखाधड़ी से करीब 400 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा की गई।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस पूरे नेटवर्क का खुलासा करते हुए 25 करोड़ रुपये के चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट फ्रीज किए हैं। एजेंसी का कहना है कि आगे भी इस मामले में कार्रवाई जारी रहेगी और चीन की इस साजिश को पूरी तरह से बेनकाब किया जाएगा। ईडी ने कहा कि भारत में इस तरह की आर्थिक धोखाधड़ी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भारत सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच को आगे बढ़ाने और दोषियों को कानून के दायरे में लाने का फैसला किया है। यह घटना भारत के साइबर सुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरी है, जिसे देखते हुए केंद्रीय एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है।