जीरकपुर में थाना प्रभारी की नाक के नीचे चल रहे अवैध शराब के अड्डे
प्रशासन और एक्साइज विभाग बने मूक दर्शक
जीरकपुर में अवैध शराब पिलाने वाले ठिकाने खुलेआम चल रहे हैं, जो पुलिस और एक्साइज विभाग की अनदेखी का नतीजा हैं, जबकि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहे हैं।
जीरकपुर (राहुल गोयल, हरजीत सिंह): पटियाला लाइट से 500 मीटर के दायरे में अवैध शराब पिलाने के कई ठिकाने खुलेआम चल रहे हैं, जो पुलिस प्रशासन और एक्साइज विभाग की अनदेखी का नतीजा हैं। पटियाला चौक के सब्जी मंडी के पीछे अवैध रूप से चल रहे मयखाने सरकार द्वारा मंजूरशुदा अहातों के सामने खुली चुनौती बने हुए हैं। जानकारी के अनुसार, ये दुकानें सोढ़ी नामक व्यक्ति के नियंत्रण में हैं, जो इनसे रोजाना 600 रुपये का किराया वसूलते हैं।
सूत्रों से पता चला है कि पहले भी इन अवैध अड्डों के खिलाफ शिकायतें की गईं थीं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन अवैध दुकानों के मालिक बिना किसी वैध लाइसेंस के रोजाना 10,000 से 15,000 रुपये तक कमा रहे हैं, जबकि सरकारी अहातों के मालिक जो अधिक किराया और सिक्योरिटी जमा करते हैं, नुकसान में हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये शराब के ठिकाने रिहायशी इलाकों में स्थित हैं, जिससे स्थानीय महिलाएं, बच्चे और आम लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। शराब पीने वालों की वजह से आए दिन यहां लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। इसके बावजूद जीरकपुर पुलिस और एक्साइज विभाग की चुप्पी सवाल खड़े करती है।
इसके अलावा, अन्य अवैध शराब पिलाने वाले ठिकानों में शेरे पंजाब ढाबा, पहलवान ढाबा, लकी ढाबा, और वीआईपी रोड स्थित कई दुकानें भी शामिल हैं, जहां दिन-रात अवैध रूप से शराब पिलाई जाती है। आश्चर्य की बात यह है कि इन स्थानों पर पुलिस की गश्त और ड्यूटी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
डेरा बस्सी बस स्टैंड और उसके आसपास भी यही हालात हैं, जहां शाम होते ही शराब पीने वालों का जमावड़ा लग जाता है। यहां की महिलाएं और लड़कियां असुरक्षित महसूस करती हैं। स्थानीय दुकानों और ठेलों पर भी अवैध रूप से शराब परोसी जाती है, और इनसे वसूली की रकम पुलिस तक पहुंचाई जाती है।
यह सवाल अब जीरकपुर और डेरा बस्सी थाना प्रभारियों पर उठता है कि आखिर क्यों ये अवैध धंधे खुलेआम फल-फूल रहे हैं। पंजाब सरकार और एक्साइज विभाग को चूना लगाते ये अड्डे कब तक चलेंगे, और क्या स्थानीय पुलिस और प्रशासन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे?
चंडीगढ़ दिनभर समाचार पत्र की टीम इस अभियान को जारी रखेगी ताकि प्रशासन अपनी आंखें खोले और जीरकपुर और डेरा बस्सी के नागरिकों को सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सके।